ve aawara din (वे आवारा दिन) – रस्टी एक 16 वर्षीय एंग्लो-इंडियन लड़का है जो देहरादून में अपने अंग्रेज़ रिश्तेदारों के साथ रहता है। विद्रोही, मनमौजी, घुमक्कड़ और हमेशा नई जगहों की खोजबीन करने के लिए उतावला रस्टी अपने घर से भाग जाता है।
रास्ते में मिलता है किशन और दोनों मिलकर अनजाने रास्तों और मंज़िलों की ओर चल पड़ते हैं। चलते-चलते नए दोस्त और नए जोखिम भी मिलते हैं जो उन्हें ज़िंदगी की जटिल और उलझी सच्चाइयों को समझने में मददगार साबित होते हैं लेकिन इससे भी उनके आज़ाद और आवारा मन की गति नहीं थमती।
रस्किन बान्ड के क्लासिक उपन्यास ‘रूम ऑन द रूफ’ को आगे बढ़ाती हुई शरारती, साहसी और जोखिमभरे कारनामे करनेवाले रस्टी और उसके दोस्त किशन की मन को गुदगुदाने वाली कहानी है-वे आवारा दिन। 1992 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित रस्किन बान्ड भारत के एक बहुत ही लोकप्रिय लेखक हैं