मोहब्बत की मीठी हूक है-तुम तक। एक ख़लिश है। मोहब्बत ग़ुलामी है या इंक़लाब, जो भी है, मगर है ख़ूबसूरत। कॉलेज और हॉस्टल के दिनों में Long Distance Romantic Relationship की धीमी आँच पर सुलगते दो दिलों की ख़ुशनुमा कहानी है यह।
आपके दिल में इश्क़ की तिश्नगी को एक मर्तबा फिर से जगा देगी यह किताब। Let’s fall in love again. 180 मिनट का अधिकतम समय लगेगा इस पुस्तक को पूरा पढ़ने में। यह आपके फ्लाइट, ट्रेन और रोड के सफ़र की बेहतरीन हमसफ़र बन सकती है। Perfect to read while travelling.
किताब में प्रेम से लबरेज़ कुछ लम्हे आपको मुँह में रक्खे रसीले रसगुल्ले से लगेंगे, तो कभी मोतीचूर के लड्डू की तरह मुँह तक पहुँचने से पहले ही आपके हाथों में बिखर जायेंगे और आपके हिस्से आएगा एक मीठा मलाल। लेखिका का दावा है कि यह किताब प्यार की एक पुकार है जिसे अगर आप थाम लेंगे, तो मायूस नहीं होंगे।
यह किताब शब्दों के फ्रेम से झाँकते हर्षा के धड़कते दिल की सेल्फी है। इसमें पलाश की ख़ूबसूरती और तपिश है। पलाश की बेरुख़ी हर्षा के दिल में एक हठीली ख़्वाहिश जगा देती थी। हर्षा का प्यार अगर काजू की बर्फी था तो उसका हठ बर्फी पर सजा चांदी का वरक़। हठ कि तुम्हें तो पाकर ही रहूँगी।