दुश्मन वापस आया था। और इस बार पूरी तैयारी और पहले से भी कहीं ज्यादा घातक होकर आया था। इस बार उसने ऐसा जाल बुना था, जिसके सफल होने का सीधा अर्थ था, भारतवर्ष के शरीर से कश्मीर एवं पंजाब रुपी दो भुजाओं का अलग हो जाना। साजिश के ताने-बाने इस कदर बुने गए थे कि कश्मीर में शुरू हुआ उन्नीस सौ सैंतालीस के बाद का पाकिस्तान का सबसे बड़ा षड़यंत्र। जिससे निपटने की जिम्मेदारी एक बार फिर रॉ के हाथों में थी, जिसमें असफल होने की कोई गुंजाइश नहीं थी और समय रहते उन्हें इस ऑपरेशन को कामयाब करके दिखाना था।