ऋत्विक घटक विश्व सिनेमा संसार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले प्रथम तीन भारतीय फिल्मकारों में एक हैं— (अन्य दो हैं सत्यजीत रे और मृणाल सेन) चंद्रकिरण राठी द्वारा अनूदित इस किताब में उनकी सात कहानियाँ संग्रहित है जिनका अनुवाद एक लम्बे समय अंतराल में हुआ है. यह एक अद्भुत संयोग है कि ऋत्विक घटक उर्दू के प्रसिद्ध लेखक सआदत हसन मंटो के समवर्ती थे. विभाजन की विभीषिका और टूटते सामाजिक ताने बाने को उन्होंने भी गहराई से अनुभव किया था. मंटो की ही तरह उनकी कहानियां भी सामाजिक विद्रूपताओं पर करारा प्रहार करती हैं—आवेग और आवेश उनकी कहानियों की थाती है. वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिसने अपने आदर्शों से कभी समझौता नहीं किया और इसीलिये उनकी कहानियां भी उनके चारों तरफ़ हो रहे उत्पीड़न के विरुद्ध उनकी बेचैनी को दर्शाती हैं.