फ्रांस के प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टैंगर्सन की लैबोरेटरी से अटैच्ड पीले कमरे में उनकी एकमात्र बेटी मैथिल्डा स्टैंगर्सन पर जानलेवा हमला होता है। हमले के समय मैथिल्डा पीले कमरे में अकेली थी और वह अंदर से पूरी तरह बंद था। कमरे की एकमात्र खिड़की पर ग्रिल लगा हुआ था और खिड़की के पल्ले भी अंदर से कुंडी से बंद किये हुए थे। किसी के लिए उस कमरे में प्रवेश करना या वहां से बाहर निकलना संभव नहीं था। जाँच के दौरान सबसे पहले मैथिल्डा के प्रेमी रॉबर्ट दारजाक के ऊपर शक जाता है। जबकि कुछ लोगों का ये मानना था कि यह काम ‘बेते द्यु बों दिउ’ कहे जाने वाले किसी राक्षस का था क्योंकि ऐसा काम किसी मानव के लिए संभव नहीं था। क्या पत्रकार जासूस जोसेफ रूलेटाबिल या जासूस फ्रेडरिक लार्सन इस रहस्य को सुलझा पाएंगे ? जानने के लिए पढ़ें सर्वकालिक महान लॉक्ड रूम मिस्ट्री में से एक “द मिस्ट्री ऑफ द येलो रूम” का हिंदी अनुवाद “पीले कमरे का रहस्य”। यह वही किताब है जिसे पढ़कर लॉक्ड रूम मिस्ट्री के जादूगर लेखक जॉन डिक्सन कार ने रहस्य कथाएँ लिखना शुरू की थीं।