Kubdi Budhiya Ki Haveli | कुबड़ी बुढ़िया की हवेली – एक पुरानी हवेली जिसका घंटा कभी-कभी अँधेरी रातों में अपने आप बजने लगता था। राजू, मुन्नी और भोला को लगता था कि कहानियों में पढ़ी गयी ज्यादातर पुरानी हवेलियों की तरह इस हवेली में भी कोई न कोई गुप्त रास्ता अवश्य है। गुप्त रास्ते की तलाश में तीनों बच्चे पहुँच गये एक रोमांचक और खतरनाक रहस्य की तह तक। क्या था कुबड़ी बुढ़िया की हवेली का रहस्य जिसके कारण तीनों बच्चों की जान पर बन आई।
अपराध कथा लेखन के बेताज बादशाह सुरेन्द्र मोहन पाठक की कलम से खास तौर पर बच्चों के लिए लिखा गया रोमांचक उपन्यास।