बाज़ बसेरा अपने इतिहास के चलते बदनाम हो चला था। वहाँ अब तक जो भी रहा था त्रासदी उसके जीवन का हिस्सा बनी थी। वह खुद या अपने किसी नज़दीकी को गँवा बैठा था।
क्या सच में ये त्रासदियाँ दुर्भाग्यवश हुई थीं या इनके पीछे कोई गहरा राज़ था?
पाठकों द्वारा ‘अँधेरों का संगतराश’ की शृंखला को आगे बढ़ाने के अनुरोध पर जतिन जागीरदार शृंखला में अगला उपन्यास है ये ‘बाज़ बसेरा’