विश्वास और उम्मीद की डोर थामे श्रीमंत परिवार जयंत के साथ रोहन की वसीयत का सच खोजने के लिए अपना सब कुछ दाँव पर लगा चुका था, किंतु जिस यात्रा के पग-पग पर छल हो उसमें किसका सच भरोसे योग्य था? मुमुक्षुओं और चिरंजीवियों के टकराव का अंत करने और छल की गहरी परतों में दबे पुरातन सत्य तक पहुँचने के लिए जयंत और श्रीमंत परिवार को क्या कीमत चुकानी होगी?